इंदौर, 28 फरवरी 2021
यह अनुमान है कि भारत में हर साल 240,000 बच्चे दिल की बीमारियों के साथ पैदा होते हैं। उनमें से 10% से भी कम बच्चे समय पर देखभाल प्राप्त कर पाते हैं। जटिल हृदय की बीमारियों के साथ अधिकांश अपने पहले जन्मदिन के पहले ही दम तोड़ देते हैं! अध्ययनों से पता चलता है कि अकेले जन्मजात हृदय रोगों को शिशु मृत्यु दर के 10% का जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। दुसरे बाल चिकित्सा हृदय विकारों की संख्या में वृद्धि का संकेत मिलता है। इसके लिए समर्पित बाल चिकित्सा केंद्रों की संख्या, बाल चिकित्सा कार्डियो थोरेसिक सर्जन, और यहां तक कि बाल चिकित्सा हृदय रोग विशेषज्ञों की भी संख्या कम है।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) प्रमुख सरकारी पहल है जिसका उद्देश्य जन्म से 18 वर्ष तक के बच्चों की जांच और इलाज करना है। इस पहल के हिस्से के रूप में हाल ही में 10 वर्ष से कम उम्र के 10 से अधिक बच्चों की जांच ग्वालियर के जिलों से एक व्यापक स्क्रीनिंग कार्यक्रम के माध्यम से की गई – और इस महीने की शुरुआत में हमारे माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा हरी झंडी दिखाकर एक बस से सभी बच्चों को इलाज के लिए अपोलो अस्पताल इंदौर रवाना किया गया।
इस अवसर पर सीनियर पीडियाट्रिक कार्डियक सर्जन डॉ. निशीथ भार्गव ने कहा कि ” बच्चों के आने पर, हमारे पास एक विस्तृत प्रोटोकॉल के तहत हर बच्चे के दिल की स्थिति का विस्तृत मूल्यांकन किया गया। इसके बाद सर्जरी की योजना बनाई गई और बच्चों के इस बैच में हमें केवल सात ही ऐसे बच्चे थे जो सर्जरी के लिए फिट पाए गए और उनका ऑपरेशन किया गया।”
डॉ. संजुक्ता भार्गव, वरिष्ठ सलाहकार, बाल रोग विशेषज्ञ, ने बताया कि “जब हम अधिकांश रोगियों की देखभाल करने में सक्षम होते हैं तो कई बार हमारे सामने ऐसे बच्चे भी आते हैं जिनकी हम सर्जरी सिर्फ इसलिए नहीं कर पाते क्योंकि उन्हें यहाँ लाने में देर कर दी जाती है। ग्वालियर से आये इस समूह में भी, तीन बच्चे टाइम-लाइन पार कर चुके थे। मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि सरकार काफी काम कर रही है और समय के साथ इस परिदृश्य में काफी सुधार आएगा ।”
इंदौर के अपोलो हॉस्पिटल्स में बाल हृदय सर्जरी विभाग की स्थापना में डॉ. निशीथ भार्गव ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके नेतृत्व में यूनिट ने 18 महीने के छोटे से अंतराल के दौरान टीम द्वारा संचालित 250 से अधिक छोटे बच्चों के दिलों को स्वस्थ करने का सराहनीय कार्य किया है। इसमें कुछ पाथ ब्रेकिंग कार्य जैसे सिर्फ 1 दिन की उम्र के 1.8 किलोग्राम के बच्चे में बेहद चुनौतीपूर्ण नवजात पेसमेकर प्रत्यारोपण शामिल था।
इस अवसर पर, श्री तुलसीराम सिलावट, कैबिनेट मंत्री, मध्य प्रदेश सरकार ने कहा कि इन छोटे बच्चों के चेहरों में सुखद मुस्कान देखना किसी आशीर्वाद से कम नहीं है। यह आशा की किरन के साथ जगमगाते हैं, नए भारत, स्वस्थ भारत की आशा की किरन है । मैं डॉ. निशीथ और अपोलो हॉस्पिटल्स की टीम को इस क्षेत्र में सराहनीय काम करने के लिए बधाई देता हूँ।