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किसी ने फीस कम करवाने का आश्वासन दिया तो किसी ने रेगुलेटरी एक्ट बनवाने का
इंदौर। आर्थिक संकट के बावजूद फीस के लिए दबाव बनाने वाले स्कूलों के खिलाफ मैदान में उतरे पालक रविवार 13 सितंबर सुबह 8:30 बजे अपने-अपने क्षेत्रों के विधायकों के घर व दफ्तर पर पहुंचे। जागृत पालक संघ के बैनर तले इस अभियान में बालकों ने विधायकों व सांसद से मिलकर अपनी समस्याएं व शिकायतें बताई और उन से निवेदन किया कि प्रदेश में फीस रेगुलेटरी एक्ट बनवाया जाए। जिससे स्कूल वालों पर नियंत्रण लगाया जा सके।
जागृत पालक संघ के अध्यक्ष एडवोकेट चंचल गुप्ता और सचिव सचिन माहेश्वरी ने बताया कि क्षेत्र क्रमांक एक में विधायक संजय शुक्ला मौजूद नहीं थे। उनसे मुलाकात ना हो पाने की स्थिति में उनके प्रतिनिधि ने पालको से ज्ञापन लिया और आश्वासन दिया कि पालकों की मदद से जुड़ा हर संभव प्रयास किया जाएगा।
क्षेत्र क्रमांक 2 में विधायक रमेश मेंदोला ने पालकों से मुलाकात की और उनकी समस्याएं सुनी। समस्या सुनने के बाद उन्होंने स्वीकार किया कि लोगों की आर्थिक हालत खराब है। ऐसे में उन्हें स्कूलों की तरफ से रियायत मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे मुख्यमंत्री को पत्र लिखेंगे। साथ ही स्कूलों को भी इस दिशा में निर्देशित करेंगे। क्षेत्र क्रमांक 3 में पालक विधायक आकाश विजयवर्गीय से नहीं मिल पाए। पालकों ने यहां उनके गॉर्ड को आवेदन देकर समस्या बताई।
क्षेत्र क्रमांक 4 में विधायक मालिनी सिंह गौड़ से भी पालकों की मुलाकात नहीं हो पाई। पालकों ने विधायक प्रतिनिधि को ज्ञापन सौंपकर अपनी समस्याएं बताई।
क्षेत्र क्रमांक 5 में विधायक महेंद्र हार्डिया ने पालकों की एक-एक समस्या सुनी और उन्हें विश्वास दिलाया कि हर हाल में समस्या का निराकरण होगा। विधायक खुद क्वारन्टीन थे लेकिन गैलरी में आकर पालकों की बात सुनी। यहां पालकों के बैठने और समस्या सुनाने की पूरी व्यवस्था पहले से की गई थी। पालकों ने बताया कि सोशल मीडिया पर प्रचारित इस योजना को लेकर विधायक ने पहले से तैयारी की हुई थी और कुछ फॉर्म भी रखे गए थे। जिनके माध्यम से विधायक ने मदद देने की बात कही। विधायक महेंद्र हार्डिया ने पालको से यह फॉर्म भरवाए और कहा कि आप इन फॉर्म्स को भर दीजिए। विधायक निधि से जरूरतमंद पालकों को मदद देने की कोशिश की जाएगी।
विधायक जीतू पटवारी भी उनके क्षेत्र में पालकों से मिलने के लिए मौजूद थे और पालको से मिलकर उन्होंने समस्याएं सुनी और आश्वासन दिया कि जल्द कोई न कोई निराकरण किया जाएगा। पालकों ने विधायकों के बाद सांसद से भी मुलाकात की। सांसद शंकर लालवानी से मिलकर पालकों ने अपनी बात रखी कि प्रदेश में न ही फीस रेगुलेटरी एक्ट है और नहीं स्कूल संचालकों पर नियंत्रण। यही कारण है कि वे बेकाबू हो गए हैं और मनमानी फीस लेने का दबाव बना रहे हैं। ट्यूशन फीस के नाम पर पालकों को लूटा जा रहा है। आवश्यक है कि सरकार इन पर नियंत्रण लगाएं।