बीमा कंपनी ने टालमटोल कर क्लेम किया रिजेक्ट, उपभोक्ता फोरम ने किया 51 लाख रुपए देने का आदेश

इंदौर| वाहन मालिक अपनी गाड़ियों का बीमा करवाकर वर्षों तक किश्तें इसलिए भरते हैं कि दुर्घटना होने पर उन्हें कंपनी बीमा राशि प्रदान करे और उन पर आर्थिक बोझ न पड़े। लेकिन मोटी किश्तें वसूलने वाली कंपनियां मौका आने पर वाहन मालिकों को बीमा राशि देने में आनाकानी करती हैं। ऐसा ही एक बड़ा मामला उपभोक्ता फोरम पहुंचा। जिसमें फोरम ने बीमा कंपनी को ब्याज सहित करीब 51 लाख रुपए की राशि बीमा धारक को एक माह के भीतर देने का आदेश दिया है।

मामला राऊ क्षेत्र के निवासी शिवनारायण पिता श्री सत्यनारायण डिंगू और रॉयल सुंदरम जनरल इंश्योरेंस कंपनी से जुड़ा है। उनकी ओर से परिवाद दायर करने वाले उपभोक्ता मामलों के विशेेषज्ञ एडवोकेट पुरुषोत्तम धाकड ने बताया कि परिवादी अपने वाहन क्रमांक एमपी 09 सीएल 8080 से 8 नवंबर 2020 को राऊ स्थित अपने निवास से महेश्वर जा रहे थे। सुबह 4.15 बजे फोर लेन रोड, पिगडम्बर के पास सड़क किनारे रूके और कुछ देर के लिए लधुशंका के लिए अपनी गाड़ी से उतरे। वहां डम्पर (एमपी 09 एचजी 2341) ने पीछे से टक्कर मार दी। परिवादी की कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। डम्पर का चालक अपना वाहन मौके पर ही छोड़कर फरार हो गया। किशनगंज थाना में एफआईआर करवाकर यह प्रकरण महू न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।

कंपनी करती रही टालमटोल

एडवोकेट पुरुषोत्तम धाकड़ ने बताया कि परिवादी ने रिपेयरिंग के लिए कंपनी से बात की तो कंपनी ने क्रेन नहीं होने का हवाला दिया और कहा कि वाहन आप भेज दो। परिवादी ने किसी और क्रेन से गाड़ी उठवा कर भेजी। परिवादी ने लगातार निवेदन, आवेदन कर गाड़ी सुधारने की चर्चा की, 25 मार्च 2021 को वे कंपनी के चेन्नई स्थित हेड ऑफिस भी गए लेकिन कंपनी अधिकारी आश्वासन देते रहे। कभी लॉकडाउन का हवाला दिया गया, तो कभी इन्वेस्टीगेशन अधिकारी नियुक्त करने की बात कर टालमटोल की जाती रही।

मेल कर कंपनी ने कहा हम असमर्थ हैं

3 जून 2021 को परिवादी को मेल प्राप्त हुआ, जिसमें जांच में सहयोग नहीं करने का हवाला देकर क्लेम देने में असमर्थता जाहिर की गई और कहा गया कि दुर्घटना जैसी बताई जा रही है वैसी नहीं हुई है। कंपनी के इस रवैये से परेशान होकर परिवादी ने उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाया और परिवाद दायर किया।

बीमा राशि ही नहीं कंपनी को ब्याज भी देना होगा

एडवोकेट धाकड़ ने बताया कि परिवादी की ओर से 55 लाख 76 हजार 755 रुपए दिलवाने के लिए परिवाद प्रस्तुत किया गया था। कंपनी ने इस मामले में फोरम में भी हाजिर नहीं हुई। इस पर माननीय फोरम ने कंपनी को 43 लाख 74 हजार रुपए आईडीवी मूल्य, मानसिक कष्ट के लिए 20 हजार रुपए, 5000 रुपए परिवाद व्यय और वाहन टोचन के लिए 3 हजार रुपए के साथ 3 मार्च 2021 से अब तक 6 प्रतिशत ब्याज भी देने का आदेश दिया है। इस तरह कंपनी द्वारा बीमा धारक को करीब 51 लाख रुपए एक महीने में दिलवाने का आदेश दिया गया है।

टोचन की राशि दिलवानी बड़ी बात

खास बात यह है कि बीमा पॉलिसी में टोचन की राशि शामिल नहीं थी, लेकिन फिर भी उपभोक्ता फोरम ने बीमा धारक की परेशानी और आर्थिक बोझ को ध्यान में रखकर इसके नाम पर 3 हजार रुपए की राशि प्रदान करने का आदेश दिया है।

एडवोकेट पुरुषोत्तम धाकड़

 

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