इंदौर। हर साल अगस्त का महीना राष्ट्रीय टीकाकरण जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है। इस महीने का उद्देश्य सभी आयु वर्ग के लोगों को टीकाकरण के महत्व के बारे में जागरूक करना है। टीकाकरण एक सुरक्षित और प्रभावी तरीका है जिसके द्वारा हम अपने शरीर को कई खतरनाक बीमारियों से लड़ने में सक्षम बनाते हैं। टीके में कमजोर या मृत रोगाणु होते हैं जो हमारे शरीर को इन रोगाणुओं के खिलाफ एंटीबॉडी बनाने में मदद करते हैं। इस तरह, जब हम वास्तविक रोगाणुओं के संपर्क में आते हैं तो हमारा शरीर उनसे लड़ने के लिए हमारे शरीर में पहले से एंटीबॉडी तैयार होती है।
मेदांता सुपरस्पेशलिटी अस्पताल की इंटरनल मेडिसीन और क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट, डॉ. ज्योति वाधवानी ने कहा “टीकाकरण न केवल व्यक्ति को बीमारियों से बचाता है बल्कि समाज को भी रोगमुक्त रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब अधिकांश लोग टीकाकरण करवा लेते हैं तो सामूहिक प्रतिरक्षा विकसित होती है, जिससे बीमारी का प्रसार काफी हद तक रुक जाता है। इससे विशेष रूप से नवजात शिशु, बुजुर्ग और प्रतिरक्षा क्षमता कम वाले लोग सुरक्षित रहते हैं जो टीके नहीं लगवा सकते या पूरी तरह से प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया नहीं दे सकते हैं।”
आगे डॉ. वाधवानी ने बताया “टीकाकरण एक ऐसा निवेश है जो न केवल आपको और आपके परिवार को गंभीर बीमारियों से बचाता है, बल्कि भविष्य में होने वाले बड़े खर्चों से भी बचाता है। यह समाज में बीमारियों के प्रसार को रोकने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसलिए, मैं सभी से आग्रह करती हूं कि वे टीकाकरण को अपने स्वास्थ्य के लिए प्राथमिकता दें।”