इंदौर के ट्रैफिक को सुधारने का संकल्प लेकर दौड़ेंगे 25 हजार रनर

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इंदौर: एकेडमी ऑफ इंदौर मैराथनर्स (एआईएम) द्वारा बहुप्रतीक्षित ‘इंदौर मैराथन” का आयोजन 4 फरवरी 2024 को किया जा रहा है। सेहत का पाठ पढ़ाने वाली मैराथन इस बार सड़क दुर्घटनाओं को रोकने और ट्रैफिक नियमों का पालन करने की प्रेरणा देगी। दौड़ने के पूर्व सभी रनर्स ट्रैफिक नियमों का पालन करने की शपथ लेंगे। इस बार की मैराथन एआईएम की दसवीं मैराथन है। इस बार की ‘कोल इंडिया इंदौर मैराथन 2024″ की थीम ‘फॉलो ट्रैफिक रूल्स एंड सेव योरसेल्फ” रखी गई है। यातायात संबंधी सुरक्षा नियमों का पालन करवाना और सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में कमी लाना इस बार की मैराथन का प्रमुख उद्देश्य है। मैराथन में कई तरह के बदलाव करते हुए और कई आकर्षण भी जोड़े गए हैं।

नियमों का पालन ही रोकेगा मौतों का सिलसिला 

एकेडमी ऑफ इंदौर मैराथनर्स के संरक्षक कैलाश विजयवर्गीय ने ‘कोल इंडिया इंदौर मैराथन 2024″ की घोषणा करते हुए कहा कि बढ़ती आबादी के साथ वाहनों की संख्या बढ़ती जा रही है और इन्हीं के साथ दुर्घटनाओं का सिलसिला भी बढ़ रहा है। हर रोज कई दुर्घटनाओं के कारण कई लोग या तो जान गवां देते हैं या फिर जिंदगी भर के लिए विकलांगता का शिकार हो जाते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि या तो लोगों को नियमों की जानकारी नहीं होती, या वे पालन नहीं करते या फिर लापरवाही पूर्वक अनियंत्रित गति से वाहन चलाते हैं। इन्हीं कारणों से जुड़े सारे पक्षों को आम लोगों तक पहुँचाने, जागरुकता लाने और नियमों का पालन करने की प्रेरणा देने के लिए इस बार की थीम सेहत पर न रखते हुए ‘फॉलो ट्रैफिक रूल्स एंड सेव योरसेल्फ” रखी गई है। नियमों का पालन ही दुर्घटनाओं और मौतों का सिलसिला रोक सकता है। अगर आप नियमों का पालन नहीं करेंगे तो हमेशा सड़क पर जान जाने का खतरा मंडराता रहेगा।

यातायात प्रभावित हो इसलिए इस बार नहीं होगी 42 किमी. की मैराथन 

एआईएम के अध्यक्ष डॉ. अरुण अग्रवाल ने बताया कि वर्षों से एकेडमी द्वारा 42 किमी. की फुल मैराथन रखी जाती रही है, ताकि लंबी दूरी तय करने वाले नेशनल लेवल के धावक भी इसमें शामिल हो सके। लेकिन इस बार यह मैराथन नहीं रखी जा रही है। इसका कारण यह है कि इस दूरी को तय करने में करीब सात घंटे का समय लगता है। सुबह पांच बजे शुरू करने के बाद भी यह दोपहर 12-1 बजे तक चलती है। जिससे कई मार्गों पर ट्रैफिक डायवर्ट करना पड़ता है जिससे ट्रैफिक पुलिस और वाहन चालकों को असुविधा का सामना करना पड़ता है। ऐसा न हो इसलिए 3 किमी., 5 किमी., 10 किमी. और 21 किमी. की मैराथन रखी गई है। इस तरह के प्रयास से लोगों में सेहत व सुरक्षा संबंधी संदेश भी प्रचारित होगा और ट्रैफिक जाम जैसी असुविधाओं का सामना भी नहीं करना पड़ेगा। इस बार एआईएम की ‘कोल इंडिया इंदौर मैराथन 2024″ की पार्टनर इंदौर ट्रैफिक पुलिस है।

डॉ अग्रवाल ने बतलाया कि प्रसिद्ध फ़िल्म अभिनेता सोनू सूद रनर्स की हौसला अफजाई के लिए विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे

ओवर स्पीड दुर्घटनाओं में इंदौर पूरे देश में दूसरे नंबर पर 

डॉ. अरुण अग्रवाल ने बताया कि वाहन चालकों द्वारा नियमों की अनदेखी लगातार बड़ी दुर्घटनाओं का कारण बन रही है। दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए शासन, प्रशासन और पुलिस अपनी ओर से हर संभव प्रयास करते हैं लेकिन वाहन चालकों को अपनी ओर से सुरक्षा नियमों का पालन गंभीरता से करना होगा। अखबारों में प्रकाशित खबरों के मुताबिक सड़क दुर्घटनाओं में सबसे ज्यादा मौतें चेन्नाई में होती हैं। इंदौर चौथे नंबर पर है। जबकि ओवर स्पीड के कारण होने वाली दुर्घटनाओं में इंदौर दूसरे नंबर पर है। इंदौर से बड़े-बड़े शहरों में कई गुना ज्यादा वाहन है और ट्रैफिक संबंधी समस्या वहां भी हैं लेकिन दुर्घटनाएं और मौत यहां ज्यादा होना बेहद गंभीर और दुखद है। इसका कारण यह है कि नियमों की अवहेलना करते हुए ओवर स्पीडिंग की जा रही है। वाहन चालक ओवर स्पीड में वाहन न चलाए, नियमों का पालन करे यही इस मैराथन का उद्देश्य है।

वर्ष भर चलेगा अवेयरनेस कैंपेन

एआईएम के सचिव विजय कुमार सोहनी ने बताया कि इस बार की मैराथन का मुख्य आधार वाहन चालकों की जान बचाना है। इसलिए इसे मैराथन की थीम तक ही सीमित नहीं रखा जाएगा बल्कि वर्ष पर अवेयरनेस कैंपेन चलाया जाएगा। मैराथन के पहले भी कुछ सेशन होंगे जिनमें दुर्घटना के कारणों पर प्रकाश डाला जाएगा। इनमें दोपहिया वाहन चालकों द्वारा हेलमेट नहीं पहनना, कार चालकों द्वारा सीट बेल्ट का उपयोग नहीं करना, ओवर स्पीड में वाहन चलाना, नियमों का पालन नहीं करना, गाड़ी की सर्विसिंग समय पर न होना और दूसरी मैकेनिकल समस्याएं होना जैसे विषय शामिल रहेंगे। इन सेशन में यह भी बताया जाएगा कि अपने लिए ड्राइवर नियुक्त करते समय उक्त उम्मीदवार को परखना, उसकी आंखों की जांच करवाना, लाइसेंस की पुष्टि करना, नशाखोरी की जांच करवाना, पुराना रिकॉर्ड देखना आदि भी अनिवार्य रूप से किया जाना चाहिए।

दिखेगी कार्निवाल और फेस्टिवल की झलक 

एआईएम सचिव विजय सोहनी ने बताया कि इस बार की मैराथन में कार्निवाल और फेस्टिवल की झलक दिखाई देगी। सबसे खास बात यह है कि मैराथन मार्ग पर कई जगह सजावट कर स्टेज बनाए जाएंगे जहां प्रतिभागियों का प्रोत्साहित किया जाएगा। विभिन्न स्थानों पर गुब्बारे लगाकर उत्साह बढ़ाया जाएगा।

अलगअलग स्थानों से शुरू होगी अलगअलग मैराथन 

रेस डायरेक्टर राजीव लथ ने बताया कि 21 किमी. की हाफ मैराथन सुबह 5.30 बजे नेहरू स्टेडियम से शुरू होगी और यहीं पर लौटकर खत्म होगी। 10 किमी. वाली मैराथन सुबह 6.30 बजे नेहरू स्टेडियम से ही शुरू की जाएगी। 5 किमी. की मैराथन ‘हैरिटेज वॉक” सुबह 8:30 बजे राजवाड़ा से शुरू होगी और नेहरू स्टेडियम पर खत्म होगी। जबकि 3 किमी. की फैमिली रन सुबह 8 बजे यशवंत क्लब से शुरू कर नेहरू स्टेडियम पर खत्म की जाएगी।

विश्व में कहीं से भी शामिल हो सकते हैं मैराथन में 

रेस डायरेक्टर राजीव लथ ने बताया कि इस वर्ष वर्चुअल मैराथन भी होगी। जो इच्छुक उम्मीदवार इंदौर आकर प्रत्यक्ष रूप से इसमें शामिल नहीं हो सकते, वे अपने शहर, घर, गार्डन आदि में दौड़ लगाकर इसमें भाग ले सकते हैं। इसके लिए उन्हें तय की गई प्रक्रिया पूरी करना होगी। प्रत्यक्ष और वर्चुअली इसमें शामिल होने वाले प्रतिभागियों को एआईएम की कैप, टीशर्ट, बिब और सर्टिफिकेट दिया जाएगा। सभी श्रेणियों में निर्धारित समय अवधि में लक्ष्य पूरा करने वाले विजेताओं को कैश प्राइज और मेडल प्रदान किया जाएगा।

गौरतलब है कि इस मैराथन में विशेष श्रेणी के धावक (रनर्स) भी शामिल होते हैं। शारीरिक और अन्य प्रकार की अक्षमताओं के बावजूद बड़ी संख्या में रनर्स इसमें शामिल होते हैं ताकि दूसरे रनर्स का उत्साहवर्धन किया जा सके और समाज में जागरुकता का संदेश दिया जा सके। पुलिस, प्रशासन, सरकारी विभागों, अधिकारियों, कर्मचारियों, सामाजिक संगठनों और व्यावसायिक संस्थानों का भी इस मैराथन में भरपूर सहयोग होता है जिससे लगातार 9 वर्षों से यह आयोजन सफल होता आया है और इस बार 10वीं मैराथन रखी जा रही है। इसमें शामिल होने के लिए www.indoremarathon.in  पर रजिस्ट्रेशन करना होगा। बड़ी टीम अथवा समूह के रूप में शामिल होने की इच्छा रखने वाले लोग ‘ग्रुप रजिस्ट्रेशन” करवा सकते हैं।

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