पीथमपुर। एनर्जी एफिशिएंट पंप्स और मोटर्स निर्माण की अग्रणी कंपनी शक्ति पंप्स (इंडिया) लिमिटेड को “हेलिकल पंप असेंबली” के लिए पेटेंट प्राप्त हुआ है। पेटेंट कार्यालय, भारत सरकार ने, 1970 के पेटेंट अधिनियम में निर्धारित प्रावधानों का पूरी तरह से पालन करते हुए, शक्ति पंप्स को यह पेटेंट प्रदान किया है। यह पेटेंट 20 वर्षो की अवधि के वैध है यह और यह शक्ति पम्पस् का आठवा पेटेंट है।
पेटेंटे किया गया यह बेहतरीन पॉजिटिव डिस्प्लेसमेंट पंप, पीने के पानी के लिए प्रयोग किए जाने वाले उपकरणों के लिए सोलर पैनल की आवश्यकताओं में 50% की कटौती का वादा कर सोलर एप्लीकेशन में क्रांति ला रहा है। यह इनोवेशन न केवल लागत बचाता है बल्कि कम जगह घेरता है, जो रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में एक महत्वपूर्ण फायदेमंद बदलाव है। ज्यादा से ज्यादा समय धूप में रहने के लिए बनाई गई ओपरेशनल फंक्शन की विशेषता के साथ, यह पंप एफिशिएंसी को बढ़ाता है, जिससे यह दूरदराज के क्षेत्रों में बसे बिना बिजली वाले क्षेत्रों के लिए एक बहुमुखी समाधान बन जाता है। वन्यजीव अभयारण्यों और अलग – थलग बसे क्षेत्रों के लिए इसका होना, विशेष पर्यावरणीय आवश्यकताओं को पूरा करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो सस्टेनेबल पंपिंग टेक्नोलॉजी में एक महत्वपूर्ण कदम है।
शक्ति पंप्स के चेयरमेन दिनेश पाटीदार ने नई पेटेंट टेक्नोलॉजी के बारे में कहा – “हम वन्यजीव अभयारण्यों जैसे पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों की सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ऐसे में हमारा नया पंप यहाँ मौजूद चुनौतियों जैसे ‘जानवरों, पक्षियों और अलग अलग प्रजातियों के लिए पानी के पंपों को सुरक्षित रखने’ के समाधान के रूप में उभरा है। हमारे पंप सभी राहवासियों के लिए सुचारू रूप से जल की उपलब्धता को सुनिश्चित करते हुए बिना किसी समस्या के जल आपूर्ति की गारंटी देते हैं।“
श्री पाटीदार ने आगे कहा – “इसके अलावा, ये पंप पारंपरिक हैंडपंपों के स्थायी विकल्प हैं, जो ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में बसे घरों में पानी की जरूरतों को पूरा करते हैं। पानी को ऐसे इलाकों तक पहुंचा कर, हमारा लक्ष्य प्रकृति के संतुलन के साथ इन समुदायों की सेवा करना है।”