ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस इंडिया ने रीवा में शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया

रीवा: प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड के विभाग ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस इंडिया (Oxford University Press) ने रीवा में शिक्षकों के लिए नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ 2023) पर एक शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। यह क्षमता निर्माण कार्यक्रम प्राइमरी और फाउंडेशनल स्टेज पर शिक्षण में अभिनव तकनीकों पर केन्द्रित था; इस कार्यक्रम में सतना और रीवा के 75 से अधिक प्राथमिक स्कूल शिक्षकों ने भाग लिया। फाउंडेशनल स्टेज यानी मूलभूत चरण में एनसीएफ पर फोकस करते हुए इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में बच्चों के लिए प्रायोगिक ज्ञान के महत्व पर प्रकाश डाला गया।

अध्यापन संबंधी दृष्टिकोण के साथ शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रमों में तथा पाठ्यक्रम विकसित करने में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस अग्रणी रही है, और 111 वर्षों से भारत में इसकी उपस्थिति रही है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस ने स्कूल शिक्षकों और अभिभावकों को सहयोग दिया है ताकि समग्रतापूर्ण शिक्षण, अर्थपूर्ण सामग्री और शिक्षण संसाधनों को गतिविधि-आधारित श्रृंखला ’माय लर्निंग ट्रेन (मेरी रेल गाड़ी)’ के साथ बुनियादी कक्षाओं में ले जाया जा सके। यह श्रृंखला एनईपी 2020 और नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (National Curriculum Framework for Foundational Stages 2022) के मुताबिक है और इसका लक्ष्य है शिक्षकों को सशक्त करना कि वे हर कक्षा को एक जीवंत शिक्षण केन्द्र में परिवर्तित कर सकें। लेखिका सोनिया रेलिया द्वारा डिजाइन की गई श्रृंखला ‘माय लर्निंग ट्रेन’ में अनेक गतिविधियां, रिसोर्स बुक, कहानियां, कविताएं, लोक साधन, संगीत, कला, खेल तथा और भी बहुत कुछ शामिल हैं। इसे इस प्रकार डिजाइन किया गया है विभिन्न क्षेत्रों और शिक्षण शैलियों में बच्चों के कौशल में वृद्धि हो।

कार्यशाला का संचालन लेखिका सोनिया रेलिया द्वारा किया गया। कार्यशाला का इरादा था कि शिक्षकों की जरूरतों को पूरा किया जाए ताकि वे नन्हे विद्यार्थियों के लिए दिलचस्प गतिविधियों का उपयोग कर पाएं और इसमें मजेदार गतिविधियां भी शामिल होती हैं जिनसे बच्चों के संज्ञानात्मक एवं साइकोमोटर विकास को बढ़ावा मिले। सोनिया रेलिया कीनोलर्न और कीनोफोनिक्स जैसी पद्धतियां भी प्रस्तुत करती हैं जिनके लिए आसानी से उपलब्ध चीजों जैसे पोस्टर, फ्लैशकार्ड, बोर्ड गेम व स्टोरी रीडिंग कार्ड का इस्तेमाल किया जाता है।

माई लर्निंग ट्रेन नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क के मुताबिक संशोधित संस्करण एक इंटरैक्टिव, गतिविधि-आधारित प्री-स्कूल और प्राथमिक श्रृंखला है जिसमें तीन स्तरों- शुरुआती, स्तर-I और स्तर-II में 15 से अधिक पुस्तकें शामिल हैं। प्रत्येक स्तर पर, अंग्रेजी, गणित, हिंदी, रचनात्मक कौशल और पर्यावरण जागरूकता को अलग-अलग पुस्तकों में शामिल किया गया है। इसके अलावा, इसमें फ्लैशकार्ड, ध्वनिविज्ञान, मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता शामिल है।

एनसीएफ शिक्षा में आमूल-चूल परिवर्तन का परिचायक है, यह खेल एवं गतिविधि-आधारित शिक्षण की वकालत करता है जो भारतीय मूल्यों से जुड़ी हो। एनसीएफ-एफएस 3 से 8 वर्ष के बच्चों के लिए निर्बाध विकास को सतत बनाए रखने के लिए है, इसके तहत बालपन की प्रारंभिक अवस्था में देखभाल व शिक्षा तथा कक्षा 1 एवं कक्षा 2 को शामिल किया गया है। एनसीएफ-एफएस इस परिवर्तनकारी बदलाव हेतु शिक्षकों को उत्प्रेरक के तौर पर स्थापित करता है।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम ने शिक्षकों को सरल किंतु प्रभावी तकनीकों से परिचित कराया, मूल कॉन्सेप्ट के विकास को सुगम करने की उनकी काबिलियत तथा प्राथमिक विद्यार्थियों के समस्या हल करने के कौशल को समृद्ध किया। ओयूपी के क्षमता निर्माण कार्यक्रम में शिक्षकों ने बहुत दिलचस्पी ली जो प्रगतिशील एवं समग्र शिक्षण दृष्टिकोण के अमल तथा एनसीएफ को कक्षाओं में लाने में शिक्षकों का मददगार है।

इस वर्ष, ओयूपी ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के साथ मिलकर थिंक-शेयर-लर्न-प्रैक्टिस (T-L-S-P) नामक एक शोध-आधारित क्षमता निर्माण कार्यक्रम शुरू किया, जो विशेष रूप से मूलभूत स्तर के शिक्षकों के लिए तैयार किया गया है। यह पहल शिक्षकों को अनुभवात्मक शिक्षा पर आधारित और भारतीय लोकाचार में निहित पाठ्यक्रम डिजाइन और शिक्षण प्रथाओं में कौशल से लैस करती है।

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