सेल्फ मैनेजमेंट कीजिए, टाइम मैनेजमेंट अपने आप हो जाएगा

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  • 20 वीक्स थ्योरी कहती है कि हम जो काम 20 सप्ताह तक लगातार करते हैं वो हमारी आदतों में, स्वभाव में शामिल हो जाता है
  • सफलता के लिए सबसे पहले खुद के लिए अच्छी योजना बनाएं और सख्ती से पालन करें
  • अपनी कमियों और गलतियों को जानने के लिए खुद का आकलन करना सबसे बेहतरीन तरीका है

Jai Hind News

‘दुनिया में सभी के लिए एक दिन में 24 घंटे ही होते हैं। 25वां घंटा किसी के पास नहीं होता। इन्हीं 24 घंटों में अपने कार्यों का प्रबंधन कर हर मिनट का सदुपयोग करने वाले और अपनी प्राथमिकता को पूरा कर अपने लक्ष्य को प्राप्त करने वाले लोग ही सफल होते हैं। आप भी इसी तरह समय बेहतर प्रबंधन से अपनी मंजिल को प्राप्त कर सकते हैं। जरूरत है कि समय की कमी का बहाना बनाना छोड़िए और उपलब्ध समय में खुद को मैनेज करना शुरू कीजिए। सेल्फ मैनेजमेंट कीजिए, टाइम मैनेजमेंट खुद ब खुद हो जाएगा।”

टाइम मैनेजमेंट, सेल्फ मैनेजमेंट और वर्क मैनेजमेंट बड़ा विषय है। इस विषय पर बात करते हुए मैनेजमेंट एक्सपर्ट आकाश सेठिया ने समय बचाने और हर मिनट का सदुपयोग करने के टिप्स दिए। आकाश मानते हैं कि स्कूल, कॉलेज की परीक्षा हो या कॉम्पीटेटिव एग्जाम, सभी स्टूडेंट्स को मैनेजमेंट की जरूरत होती है। ताकि तय समय में ज्यादा बेहतर तैयारी कर सफलता प्राप्त कर सके। कोर्स कोई भी, बगैर टाइम मैनेजमेंट और सेल्फ मैनेजमेंट के चुनौती मुश्किल हो सकती है। उन्होंने बताया कि यह एक कला है जिसे कोई एक ही दिन में सीख नहीं सकता और बगैर इसके कोई जीत हासिल कर नहीं सकता।

कोड स्क्वेयर टेक्नोलॉजी के को-फाउंडर और सीएच एज मेकर के डायरेक्टर आकाश सेठिया बताते हैं कि त्योहारी सीजन के बीच कई एग्जाम्स की आहट सुनाई दे रही है। स्कूली परीक्षाओं से लेकर कॉलेज सेमेस्टर एग्जाम्स और फिर कॉम्पीटेटिव एग्जाम्स की तैयारी जोर पकड़ने वाली है। अक्टूबर महीने के बाद कई परीक्षाएं दस्तक देने को तैयार होंगी। छोटी से लेकर बड़ी परीक्षाएं लगभग जुलाई महीने तक चलती हैं। यह वह समय होता है जब पूरी तैयारी को रिकॉल किया जाता है। ताकि बेहतर परिणाम हासिल किए जा सके।

पहली स्टेप के रूप में अपनी दिनचर्या की स्टडी करें 

श्री सेठिया ने बताया कि आप किसी भी क्लास या एग्जाम के स्टूडेंट हों, बेहतर टाइम मैनेजमेंट के लिए सबसे पहले खुद की दिनचर्या की स्टडी करें। स्कूल, कॉलेज, ट्यूशन आदि के अलावा आप किस काम को कितना समय दे रहे हैं, इस पर विचार करें। क्या किसी अनावश्यक काम में समय खराब हो रहा है, क्या कोई जरूरी काम छूट रहा है … इन सभी प्रश्नों पर विचार करते हुए रूटीन लाइफ की स्टडी करें।

प्रायोरिटी, मेजरमेंट और कंट्रोल के कॉन्सेप्ट पर काम करें 

अपने कार्यों को सही समय पर, सही तरीके से, सही क्रम पर करने में सफलता हासिल करना ही सेल्फ मैनेजमेंट और टाइम मैनेजमेंट है। आकाश सेठिया बताते हैं कि खुद को और टाइम को मैनेज करने के तीन कॉन्सेप्ट होते हैं। प्रायोरिटी (प्राथमिकता), मेजरमेंट (माप) और कंट्रोल (नियंत्रण)। इन तीनों को ध्यान में रखकर आप एक टाइम टेबल तैयार करें। इसमें सोने और आराम के लिए 7 से 8 घंटे का पर्याप्त समय रखें। इसके साथ ही पढ़ाई, आउट डोर गेम्स और इंटरटेनमेंट एक्टिविटी, सोशल मीडिया, मोबाइल गेमिंग आदि के लिए भी समय निकालकर अपने कार्यों और उसके समय की लिस्ट बनाएं।

प्रायोरिटी : पहले वो तय करें जो सबसे ज्यादा जरूरी हो 

हर किसी की जरूरत और प्राथमिकता जैसी नहीं हो सकती। इसलिए सभी के लिए टाइम मैनेजमेंट का फंडा एक जैसा नहीं होता। आप स्वयं को सबसे अच्छी तरह जानते हैं कि आपकी प्राथमिकता क्या -क्या है? हो सकता है किसी स्टूडेंट की प्राथमिकता सिर्फ पढ़ाई करना हो, जबकि किसी अन्य की प्राथमिकता पढ़ाई के साथ काम करना या नौकरी करना भी हो, ताकि घर पर आर्थिक मदद दे सके। इसलिए अपनी प्राथमिकता खुद तय करें और उसके लिए आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए समय निर्धारित करें।

मेजरमेंट : आकलन करें कि क्या किया, क्या छूटा 

प्राथमिकता के आधार पर बनाए गए टाइम टेबल और वर्क लिस्ट को पूरे अनुशासन के साथ फॉलो करना सबसे ज्यादा जरूरी है। इसलिए हर रोज रात को सोने से पहले कुछ मिनट निकालकर यह मेजरमेंट जरूर निकालें कि निर्धारित की गई दिनचर्या में क्या काम हो पाया, क्या नहीं। अगर नहीं हो पाया तो क्यों नहीं हो पाया, कहां चूक हुई, कहां समय खराब हुआ? कहां कमी रह गई? अगर कोई गलती हुई तो उसका समाधान क्या है, इस पर भी विचार करें।

कंट्रोल: कमियां सुधारें, गलतियां कम करें 

खुद का एनालिसिस करने पर आप पाएंगे कि कई गलतियां ऐसी हुईं जिनके कारण निर्धारित काम ठीक से नहीं हो सके। इन गलतियों को कम करते हुए कमियों को दूर करने का प्रयास करें।

सेल्फ डिसिप्लिन ही है बेहतर मैनेजमेंट का आधार 

लक्ष्य कोई भी हो तब तक हासिल नहीं हो सकता, जब तक उसके लिए हम खुद को पूरी तरह अनुशासित नहीं करते। सेल्फ मैनेजमेंट और टाइम मैनेजमेंट के मामले में भी ऐसा ही है। आज के समय में हर स्टूडेंट, हर युवा टाइम टेबल बनाता है लेकिन उसे फॉलो बहुत कम कर पाते हैं। जरूरी है कि हम पूरे अनुशासन के साथ, नियमों के साथ, कमिटमेंट के साथ उसे पूरा करने की कोशिश करें। 100 प्रतिशत पालन न के बराबर लोग कर पाते हैं, लेकिन शुरुआती दौर में अगर 70 प्रतिशत हद तक पालन भी कर लिया गया तो सफलता की संभावना बढ़ती जाती है। सिर्फ पढ़ाई ही नहीं बल्कि हर तरह के प्रोफेशन में, काम में 20 वीक्स थ्योरी काम करती है। इस थ्योरी के मुताबिक आप अगर 20 सप्ताह तक लगातार किसी काम को करते हैं तो वह आपकी आदत बन जाता है और दिनचर्या में शामिल हो जाता है। लगातार टाइम टेबल का पालन और अनुशासन हमारी दिनचर्या में शामिल हो जाता है, हमारी आदत बन जाता है और जीत के लिए सबसे ज्यादा जरूरत इसी की होती है।

आधा रविवार खाली छोड़ दीजिए 

6 दिन पूरे अनुशासन के साथ टाइम टेबल का पालन करने के बाद रविवार का दिन कुछ रिलेक्स वाला होना चाहिए। रविवार का आधा दिन हर रोज की तरह प्राथमिकता के आधार पर प्लान कीजिए जबकि आधा दिन खाली छोड़ दीजिए। इस बचे हुए आधे दिन में खुद को खुशी देने वाला कोई काम कीजिए साथ ही एक बार एनालिसिस करें कि निर्धारित काम आप किस हद तक पूरा कर पा रहे हैं। खुद से सवाल करें कि आप कितने अनुशासित हैं? यह खाली समय आपके लिए एक आईना साबित होगा और इसके आधार पर ही आप जागरूक और सचेत हो जाएंगे।

सेल्फ मैनेजमेंट बिगाड़ने वाले सबसे बड़े कारण 

किसी भी क्लास या कोर्स का के स्टूडेंट हों, उनका सेल्फ टाइम मैनेजमेंट बिगाड़ने वाले दो सबसे बड़े कारण हैं डिस्ट्रैक्शन और इलनेस। यानी ध्यान भंग होना और स्वास्थ्य खराब होना। ये दोनों ही कारण ऐसे हैं जिन्हें स्टूडेंट्स थोड़ी सी सावधानियों से खुद से काफी हद तक दूर रख सकते हैं।

उपयोग करें लेकिन समय खराब न करें : ध्यान भंग होने के पीछे मोबाइल गेमिंग, सोशल मीडिया, मूवीज, इंटरनेट यूज आदि हो सकते हैं। आज के समय में हर इंसान इनका उपयोग करता है और इसमें कोई बुराई भी नहीं है, लेकिन अति खराब है। जरूरी है कि इसकी सीमा तय की जाए। अपने लिए तय किए गए टाइम टेबल में इनके लिए भी समय निकालें और सख्ती से उसका पालन करें।

पोषक आहार  लें, एक्सर्साइज करें :

फिटनेस एंड हेल्थ संबंधी संबंधी सावधानियां रखकर स्टूडेंट्स खुद को बीमार होने से बचा सकते हैं। इसके लिए जरूरी है कि खान-पान और दिनचर्या का ख्याल रखें। अगर आप एक बार बीमार पड़े तो कई दिनों का टाइम टेबल बिगड़ सकता है और एग्जाम की पूरी तैयारी प्रभावित हो सकती है। इसलिए सावधान रहें। हर रोज कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज करें। इस दौरान साइकिलिंग, जॉगिंग, रनिंग, योगा, जिम जो आपको पसंद हो, वो कर सकते हैं। इसके साथ ही डाइट का खासा ख्याल रखें। दाल, चावल, सब्जी-रोटी के साथ भरपूर पोषक तत्वों वाला सादा आहार लें। खूब पानी पिएं, ताकि डिहाइड्रैशन से बचा जा सके। विशेषज्ञ की सलाह के मुताकि सप्ताह में एक बार जंक फूड या दूसरा खाना खाया जा सकता है लेकिन वह भी सीमित। ताकि आप फिट रहकर पूरा ध्यान पढ़ाई पर लगा सके। इस तरह की सावधानियों से आप कुछ ही दिनों में अपनी प्रोडक्टिविटी बढ़ती हुई महसूस करेंगे और आपका कॉन्फिडेंस लेवल बढ़ता जाएगा। जो आपकी सफलता का सबसे सुदृढ़ स्तंभ साबित होता।

टिप्स एक नजर में 

  • खुद की जरूरतों और प्राथमिकता के आधार पर टाइम टेबल बनाएं और सख्ती से पालन करें।
  • अपने शौक और गेम्स को भी वर्क लिस्ट में शामिल करें और इसके प्रति अनुशासित रहें।
  • व्यर्थ की बातों में या किसी के साथ बहस में बिलकुल समय खराब न करें ।
  • सेल्फ मैनेजमेंट शुरू करने के बाद खुद का आकलन कर कमियों को दूर करें।
  • लक्ष्य के प्रति पूरी तरह केंद्रित रहें और स्वास्थ्य संबंधी सावधानियों का पालन करें।
मैनेजमेंट एक्सपर्ट आकाश सेठिया

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