इंदौर। हमारा मष्तिष्क शरीर के बाकी अंगों की तुलना में थोड़ा अलग और जटिल है। मष्तिष्क और इसके काम काज को समझना थोड़ा मुश्किल है और इसीलिए मष्तिष्क से जुड़ी बीमारियों को समझना भी थोड़ी ज्यादा ही कठिन होता है। इंदौर में रहने वाली 57 वर्षीय महिला भी पिछले कुछ दिनों से नाक से पानी बहने की समस्या से पीड़ित थी, शुरुआत में उन्हें यह सामान्य जुकाम की समस्या लगी लेकिन जब समस्या बढती चली गई तो वे इंदौर के शैल्बी मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल आए एवं डॉ अमित पाटीदार से परामर्श लिया। जब जांच की गई तो पाया गया कि महिला सेरिब्रेल स्पाइनल फ्यूइड (सीएसफ) लीक नामक समस्या से ग्रसित थी।
सीएसफ के बारे में जानकारी देते हुए नाक कान गला रोग विशेषज्ञ डॉ अमित पाटीदार कहते हैं, “सीएसफ मस्तिष्क और स्पाइनल कॉर्ड में पाया जाने वाला एक तरह का लिक्विड है। सरल भाषा में ये मष्तिष्क का वो लिक्विड है जो कि मस्तिष्क के आस-पास रहकर इसे पोषण देता है और इसे झटकों से बचाता है। सीएसफ का मुख्य कार्य ब्रेन में प्रोटीन, एंजाइम और हार्मोन आदि का ट्रांसमिशन करना है। अगर सीएसफ टिश्यु से बहकर हड्डी के रास्ते नाक से लीक होने लगता है तो, इसे सेरिब्रेल स्पाइनल फ्यूइड लीक कहा जाता है। इसके होने का कोई विशेष कारण नहीं होता ये समस्या चोट लगने से, इंफेक्शन से, बोन डिफेक्ट से या रीढ़ की हड्डी में चोट एपिड्यूरल और स्पाइनल कैथेटर का इतिहास, सिर व रीढ़ की सर्जरी होने पर भी हो सकती है। सरदर्द, जो झुकने पर, लेटने पर और सोने पर बढ़ जाए। साथ ही ये समय के साथ और तेजी से बढ़ सकता है, नाक से लगातार पानी आना, आंखों से धुंधला नजर आना, गर्दन में अकड़न और दर्द, मतली और उल्टी, कान से सुनने में परेशानी, प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता, ध्वनि के प्रति संवेदनशीलता, संतुलन की समस्या, मुंह में नमकीन या धातु जैसा स्वाद और गंध की हानि सेरिब्रेल स्पाइनल फ्यूइड लीक के प्रमुख लक्षण हैं। इन लक्षणों के दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।”
शैल्बी में इंडोस्कोपी से हुआ सेरिब्रेल स्पाइनल फ्यूइड लीक का इलाज
डॉ पाटीदार बताते हैं, “जब महिला हमारे पास आई तो नाक से पतली-पतली साफ पानी की बूंदे गिर रही थी इसे मेडिकल की भाषा में सीएसएफ राइनोरिया कहा जाता है। इसके इलाज के लिए मेंमब्रेन और बॉन के डिफेक्ट को रिपेयर करके इस लीक को बंद किया जाता है। सेरिब्रेल स्पाइनल फ्यूइड लीक से बचाव के उपाय जरूरी है कि नाक की चोट से बचा जाए, क्योंकि चोट से ब्रेन की कवरिंग मेंमब्रेन कट सकती हैं और बोन में डिफेक्ट आ सकता है जिससे ये समस्या हो सकती है। इसके अलावा अचानक और बहुत देर तक झुकने से बचें। मल त्याग के लिए पेट पर ज्यादा जोर देने से बचें। साथ ही नाक से बार-बार पानी आ रहा हो अपनी नाक को झुकाने से बचें क्योंकि जितना आप अपनी नाक को झुकाए रखेंगे उतना ही ब्रेन से फ्यूइड लीकेज होगा और अंत में ध्यान रखें कि जितना हो सके उतना खुद को सीधा रखें और जल्द से जल्द इस बीमारी का इलाज करवाने की कोशिश करें।”
शैल्बी हॉस्पिटल्स के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी डॉ अनुरेश जैन एवं मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ विवेक जोशी ने बताया, “सेरिब्रेल स्पाइनल फ्यूइड लीक के इलाज के लिए सर्जरी की जाती है जिसका कई बार असफल रहने का भी डर रहता था। लेकिन अब मेडिकल साइंस ने तरक्की कर ली है, और शैल्बी हॉस्पिटल इंदौर में सारे उपकरण और दक्ष टीम मौजूद है। हमारी टीम ने इंडोस्कोपी के माध्यम से बिना चीरा लगाए इसका उपचार किया, जिससे दो दिन में ही महिला की हॉस्पिटल से छुट्टी हो गई और वे एक स्वस्थ जीवन जी रही हैं। शैल्बी और उसकी पूरी टीम इसी तरह स्वास्थ्य सेवाएँ देने के लिए प्रतिबद्ध है।”