फ्लेवर्स ऑफ बंगाल फ़ूड फेस्टिवल: द पार्क इंदौर में उठा सकेंगें बंगाली स्वाद का लुत्फ़

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इंदौरअक्टूबर के दूसरे पखवाड़े से नवरात्रि की धूम मचने वाली है, हर तरफ भक्ति का माहौल सजने वाला है। कहा जाता है बंगाल की माटी की दो चीजें बहुत प्रसिद्ध है पहली दुर्गा पूजा और दूसरा बंगाल का स्वाद। बंगाल में न सिर्फ दुर्गा पूजा के हजारों रंग हैं बल्कि अलग अलग वैरायटी के ढेरों व्यंजन भी मिल जाएंगे। ऐसे जायके को चखाने द पार्क इंदौर लाया है फ्लेवर्स ऑफ बंगाल फ़ूड फेस्टिवल, जहाँ फ़ूड लवर्स उठा सकेंगे बंगाल के लजीज व्यंजनों का लुफ्त।

द पार्क होटल के रेस्टोरेंट ऐपिसेन्टर में 24 अक्टूबर तक चलने वाले इस बंगाली फ़ूड फेस्टिवल में राधावल्लभी, बसंती पुलाव, चनार दाल, कोलकाता काठी रोल, गोलीबाड़ी कोशा मंगशो, गोंधोराज  कोलकाता चिकन बिरयानी और मछली पतुरी जैसे बंगाल के पारम्परिक व्यंजन पेश किए जाएंगें। वहीं मेहमान मिठाई में रसगुल्ला, चमचम, सन्देश, दही पुली, खीर कदम मिष्टी दोई, नोलेन गुरेर पायेश और पाटी शोप्ता जैसी स्वादिष्ट बंगाली मिठाइयों का भी स्वाद ले सकेंगे।

फूड फेस्टिवल के बारे में अधिक जानकारी देते हुए द पार्क इंदौर के डायरेक्टर एफ एंड बी श्री सुदीप कांजीलाल ने बताया “द पार्क इंदौर और इंदौरियों के स्वाद को जानता है इसलिए हमेशा ही अलग अलग फ़ूड फेस्टिवल का आयोजन करता रहता है, इंदौर की ही तरह बंगाल भी खाने के लिए जाना जाता है, मिष्टी दोई और सन्देश जैसे बंगाली पकवानों का नाम सभी ने सुना है और खाया भी है, लेकिन इस फ़ूड फेस्टिवल में हम बंगाली व्यंजन की एक ऐसी श्रृंखला परोस रहे हैं जिसमें बंगाल की वेज व नॉन वेज डिशेस का विस्तृत व ऑथेंटिक स्वाद मौजूद है। हमें उम्मीद है यह बंगाली फ़ूड फेस्टिवल लोगों को खूब पसंद आएगा।”

फ्लेवर्स ऑफ बंगाल के फूड फेस्टिवल के बारे में विस्तार से बताते हुए द पार्क होटल के एग्जीक्यूटिव शेफ श्री संतोष यादव ने कहा “इस फ़ूड फेस्टिवल के लिए हमने विशेष रूप से बंगाल से शेफ सुमित घोष को आमंत्रित किया है, जो कि बंगाली पकवानों के स्वाद और पाक विधि को अच्छे से जानते हैं, उनके निर्देशन में ही सभी व्यंजनों को तैयार किया गया है। बंगाली खाने में तड़के की अहम भूमिका है जिसमें पंच फोरन मसाले का काफी महत्त्व है पंच फोरन जीरा, मेथी, कलौंजी, सौंफ और राधुनी जैसे पांच मसालों का मिश्रण है। इस फ़ूड फेस्टिवल में जिन मसालों का इस्तेमाल किया जा रहा है उनमें अधिकांशतः बंगाल से लाए गए हैं, ताकि लोग बंगाली स्वाद को चख सके।”

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