Jai Hind News, Indore
झमाझम हो रही बारिश से प्रदेश की नदियां उफान पर है। मंदसौर में शिवना नदी का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है। करीब चार साल बाद नदी का पानी मंदिर के गर्भ में प्रवेश कर गया और भूत भावन भगवान पशुपति नाथ की अष्टमुशी प्रतिमा के चार मुख जल मग्न हो गए। सावधानी बरतते हुए मंदिर समिति ने मंदिर में श्रृद्धालुओं का प्रवेश बंदर करवा दिया है और गर्भ गृह में रखा तमाम जरूरी सामान वहां से हटा लिया गया है।
रात करीब 1.00 बजे जल मग्न हुए चार मुख
पूरे प्रदेश में करीब 48 घंटों से लगातार बारिश हो रही है। शिवना नदी का जलस्तर भी बढ़ रहा है जिससे काला भाटा बांध के पांच गेट 6 फुट तक खोल दिए गए थे। बारिश नही रुकने से जलस्तर बढ़ता रहा और रविवार रात करीब 12:00 बजे शिवना नदी का जल भगवान पशुपतिनाथ मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश कर गया। रात करीब 12:30 से 12:45 बजे तक प्रतिमा जल मग्न होना शुरु हुई और रात करीब 1:00 बजे अष्ट मुख जलमग्न हो गए थे।
शुभ संकेत की मन्यता
मान्यताओ के मुताबिक इसे शिवना नदी द्वारा भगवान पशुपतिनाथ के चरण पखारना और उनका अभिषेक करना कहा जाता है। एक मान्यता यह भी है कि यह जलाभिषेक मंदसौर वासियों के लिए शुभ संकेत होता है और इस तरह पशुपतिनाथ मंदिर में शिवना नदी का जल प्रवेश करने को यहां के निवासी खुश होते हैं।2019 में भी इसी तरह स्थिति बनी थी जब पूरा मंदिर जलमग्न हो गया था और सिर्फ शिखर ही दिखाई दे रहा था। अगर बारिश का दौर जारी रहता है और नदी का जलस्तर इसी तरह बढ़ता रहता है तो आने वाले समय में पुलिस प्रशासन और स्थानीय निवासियों के लिए चुनौती बढ़ सकती है।