शैल्बी हॉस्पिटल इंदौर ने की स्पोर्ट्स इंज्यूरी क्लीनिक की शुरुआत

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इंदौर जीवन में खेलों का अत्यधिक महत्त्व है लेकिन कईबार खिलाड़ियों को खेल के दौरान चोट लग जाती है जो उनके जीवन पर गंभीर प्रभाव डालती है। ऐसे में इलाज के लिए सही सलाह और सही इलाज की आवश्यकता होती है। मेडिकल हब के रूप में विकसित हो रहे इंदौर जहाँ पर हर बीमारी का इलाज संभव है। इसी तरह आर्थोपेडिक्स में अपनी अलग जगह बना चुके शैल्बी हॉस्पिटल में अब खिलाड़ियों के लिए स्पोर्ट्स इंज्यूरी क्लिनिक शुरूआत हो रही है, जहाँ स्पोर्ट्स इंज्यूरी के इलाज के लिए स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स की टीम मौजूद रहेगी। शैल्बी हॉस्पिटल में शुरू होने वाले इस क्लिनिक में मरीजों को विशेष देखभाल, व्यापक मूल्यांकन, चोटों पर मल्टी- डिसिप्लनरी अप्रोच एवं उसकी रोकथाम, एडवांस ट्रीटमेंट के तरीके, रिहैबिलेशन प्रोग्राम एवं प्रदर्शन में सुधार करेगा जिससे उन्हें अपने करियर में सकारात्मक वृद्धि मिल सकेगी।

शैल्बी के स्पोर्ट्स इंज्यूरी क्लिनिक की इस नई पहल की सराहना करते हुए जॉइंट रिप्लेसमेंट एंड स्पोर्ट्स मेडिसिन सर्जन डॉ विकास जैन ने कहा “क्लिनिक की शुरुआत इंदौर और मध्य प्रदेश के साथ साथ पूरे मध्य भारत में स्पोर्ट्स मेडिसिन की दिशा में एक महत्वपूर्ण क्रांतिकारी कदम है। स्पोर्ट्स इंज्यूरी सामान्यतः खेल या शारीरिक गतिविधियों के दौरान होने वाली चोटों को कहते हैं। यह चोट खेल के मैदान, खेल के उपकरण, गलत तकनीक, अधिक शारीरिक तनाव, वार्मअप का अभाव, या मांसपेशियों, हड्डियों, या संघटकों (कॉम्पोनेन्ट) की कमजोरी के कारण हो सकती है। इसके लिए समय पर इलाज जरुरी है ताकि चोट व उसके प्रभाव को कम किया जा सके। क्लिनिक का उद्देश्य खिलाड़ियों और स्पोर्ट्स इंज्यूरी से प्रभावित व्यक्तियों को विशेष देखभाल प्रदान करना है। शैल्बी हॉस्पिटल्स के इस कदम से स्पोर्ट्स इंज्यूरी के प्रबंधन और इलाज के तरीके में सकारात्मक बदलाव आएगा जिससे मरीजों को बेहतर परिणाम मिल सकेंगें।

शैल्बी के ऑर्थोस्कोपी सर्जन डॉ रोमित अग्रवाल के अनुसार “खेलकूद में लगने वाली चोटें नियमित चोटों से अलग होती हैं, क्योंकि खिलाड़ी अपने शरीर पर बहुत दबाव डालते हैं, जो कभी-कभी मांसपेशियों, जोड़ों और हड्डियों में टूट-फूट का कारण बनता है। ओवरट्रेनिंग, कंडीशनिंग की कमी, और कार्य करने की अनुचित तकनीक से खेलने या खेल के पहले वार्म अप न करने से भी चोटों का खतरा बढ़ जाता है। स्पोर्ट्स इंज्यूरी युवा वयस्क और बच्चों में अधिक देखी जाती हैं, एक स्टडी के अनुसार, हर साल लगभग 3.5 मिलियन बच्चे और किशोर खेलों के दौरान स्पोर्ट्स इंज्यूरीका सामना करते हैं। मोच और मांसपेशियों में खिंचाव खिलाड़ियों में सबसे आम खेल-संबंधी चोट होती हैं। स्पोर्ट्स में होने वाली या आम जीवन में होने वाले छोटी इंज्यूरी को हल्के में ना लें यह दीर्घकालिक रूप से हानिकारक सिद्ध हो सकती है इसलिए इलाज को प्राथमिकता दें कई बार इसके परिणाम भयानक हो सकते हैं जैसे कि दर्द, स्वेलिंग, अस्थिरता, गतिरोध एवं अर्थराइटिस।”

शैल्बी हॉस्पिटल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ विवेक जोशी एवंडिप्टी चीफ एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर श्री अंकुर खरे ने कहा “हमारे पास स्पोर्ट्स मेडिसिन एवं ऑर्थो के क्षेत्र में दक्ष डॉक्टर्स की टीम मौजूद है जिनके पास वर्षों के अनुभव और सफल उपचारों के ट्रैक रिकॉर्ड मौजूद हैं। उनकी विशेषज्ञता में खेल-संबंधी चोटों, उनकी रोकथाम, निदान, उपचार और रिहैबिलेशन शामिल है। मध्य प्रदेश में पहली बार डायरेक्ट एंटीरियर तकनीक से कूल्हे का प्रत्यारोपण शैल्बी में प्रारंभ किया गया है। यहाँ दूरबीन पद्धति (ऑर्थ्रोस्कोपी) से घुटने के एसीएल/ पीसीएल/ मेनिस्कस टियर के साथ-साथ कंधे की अस्थिरता, रोटेटर कफ टियर के जैसी समस्याओं का उपचार किया जाएगा। डॉ. अनिश गर्ग, डॉ. विकास जैन, डॉ रोमित अग्रवाल, डॉ. संजय रावत और उनकी पूरी टीम पर हमें विश्वास है कि उनके अनुभव और विशेषज्ञता से हमारे रोगियों को बेहतर चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त होंगी, हम उनकी सफलता के लिए हमारी पूरी सहायता का आश्वासन देते हैं।”

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