इंडेक्स अस्पताल में 110 वर्षीय वृद्ध महिला के हाथ का सफल ऑपरेशन

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इंदौर। जीने की उम्मीद हो तो आप मौत के मुंह से भी निकलकर वापस लौट सकते हैं। इस कहावत को करीब 110 साल की नर्मदाबाई डांगी ने पूरा किया है। इंदौर के इंडेक्स हॅास्पिटल में महिला के हाथ का सफल ऑपरेशन किया गया है। घर में गिरने के कारण वृद्ध महिला का हाथ फैक्चर हो गया था। कई अस्पतालों ने उन्हें उम्र ज्यादा होने के कारण इस ऑपरेशन के लिए मना कर दिया था। इसके बाद दर्द के कारण परेशान महिला को इंडेक्स अस्पताल में लाया गया। यहां इंडेक्स मेडिकल अधीक्षक और आर्थोपेडिक सर्जन लेफ्टिनेंट कर्नल डॅा.अजय सिंह ठाकुर, एचओडी डॅा.संगीता बंसल अग्रवाल की टीम ने दो दिन की तैयारी के बाद 110 वर्ष की वृद्ध के हाथ के फ्रैक्चर का सफल ऑपरेशन किया। इस सफल ऑपरेशन पर डॅाक्टरों की टीम को इंडेक्स समूह के चेयरमैन सुरेशसिंह भदौरिया,वाइस चेयरमैन मयंकराज सिंह भदौरिया,डायरेक्टर आरएस राणावत,एडिशनल डायरेक्टर आर सी यादव और डीन डॅा.जीएस पटेल ने बधाई दी।

110 वर्ष की महिला का सफल ऑपरेशन करना सबसे मुश्किल टास्क

इंडेक्स अस्पताल के अधीक्षक लेफ्टिनेंट कर्नल डॅा.अजय सिंह ठाकुर ने कहा कि इंडेक्स अस्पताल में एक 110 वर्ष की बुजुर्ग महिला आई जिसके बाएं हाथ की मुख्य हड्डी में फ्रैक्चर था। उम्र दराज होने के कारण ऑपरेशन करना भी मुश्किल था लेकिन हमारी टीम ने सबसे कम समय में कम ब्लड लॅास के साथ नए मॅाड्यूलर ओटी में हाइटेक तकनीक से 110 वर्षीय वृद्ध महिला का सफल ऑपरेशन  किया। उन्होंने कहा कि हॉस्पिटल के डॅाक्टरों की टीम ने मिलकर मुश्किल ऑपरेशन को आसानी से कर दिया। अभी मरीज एकदम स्वस्थ हैं। उन्होंने बताया कि आमतौर पर इस उम्र में शुगर, ब्लड प्रेशर जैसे कई लक्षण मरीज हमें दिखाई देते है। मेरे करियर में मैंने पहली बार 110 वर्षीय महिला का ऑपरेशन किया है। इसमें सबसे खास बात है कि नर्मदाबाई की 110 वर्ष उम्र होने के बाद भी इनके सभी टेस्ट सामान्य स्तर पर रहे और इसी कारण हमने मुश्किल ऑपरेशन को करने का फैसला लिया।

दो दिन तक ऑपरेशन की टीम ने की तैयारी

एनेस्थीसिया की एचओडी डॅा.संगीता बंसल अग्रवाल ने बताया कि हड्डी फैक्चर होने के कारण 110 वर्षीय नर्मदाबाई का ऑपरेशन करने का फैसला काफी मुश्किल रहा है। एनेस्थीसिया विभाग और डॅाक्टरों की पूरी टीम ने दो दिनों तक तैयारी की। आमतौर पर इस उम्र में शरीर के दिल,फेफड़े और काफी हिस्से कमजोर हो जाते है। सामान्यतौर पर इस उम्र में ऑपरेशन के पहले मरीज को एनेस्थीसिया बेहोशी की दवा की सही मात्रा में देना सबसे मुश्किल टास्क होता है। इस उम्र में इसके दुष्प्रभाव जल्द हो सकते है लेकिन हमारी टीम ने इस मुश्किल टास्क को आर्थोपेडिक सर्जन डॅा.ठाकुर की टीम के साथ सफल आपरेशन को पूरा किया।

इंडेक्स अस्पताल के डॅाक्टरों की टीम पर भरोसा था

मरीज के परिवार के रणजीत सिंह डांगी ने बताया कि परदादी नर्मदाबाई  का  घर में  फिसलने के कारण हाथ फैक्चर हो गया। हाथ में फैक्चर होने के कारण परदादी का काफी दर्द हो रहा था। कई डॅाक्टरों ने इस उम्र में उनका ऑपरेशन करने से मना कर दिया था। इंडेक्स अस्पताल में 110 वर्ष की उम्र में ऑपरेशन का फैसला करना हमारे लिए और डॅाक्टरों के लिए काफी मुश्किल था। बारोली के छोटे से गांव से हमने इंडेक्स अस्पताल में ही सही इलाज का फैसला किया। परिवार  की इच्छा और उनके परदादी के जीने का चाह के बाद ही डॅाक्टर यह सफल ऑपरेशन कर सके।

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