– चमेली देवी पब्लिक स्कूल के पालकों के संघर्ष को मिला सकारात्मक परिणाम
– स्कूल प्रबंधन ने कहा दो महीने तक नहीं होगी फीस वसूली, नहीं बनाया जाएगा दबाव
– सीबीएसई रजिस्ट्रेशन और परीक्षा फॉर्म भरने से भी नहीं किया जाएगा वंचित
इंदौर। चमेलीदेवी पब्लिक स्कूल की मनमानी के खिलाफ पालकों द्वारा शुरू किए गए अभियान में 28 अक्टूबर, बुधवार का दिन पालकों को राहत देने वाला साबित हुआ। पालकों के आक्रोश के आगे स्कूल प्रबंधन झुक गया और करीब सप्ताह भर के संघर्ष के बाद स्कूल चेयरमैन पुरुषोत्तम अग्रवाल ने पालकों से चर्चा की। उन्होंने मनमानी को नकारते हुए वसूली के तर्क दिए तो पालकों ने भी उन्हें आईना दिखा दिया। तगड़े विरोध को देखते हुए उन्होंने कहा कि आगामी दो महीने तक विद्यार्थियों और पालकों पर किसी तरह की वसूली का दबाव नहीं बनाया जाएगा। दो महीने बाद बोर्ड बैठक में फीस कम करने को लेकर चर्चा की जाएगी। तब तक सीबीएसई रजिस्ट्रेशन व अन्य औपचारिकताओं को भी दबाव बनाए बगैर पूरा करवाया जाएगा। जागृत पालक संघ और पालकों ने कहा कि इस आश्वासन के बावजूद अगर बच्चों को परेशान किया गया, तय अवधि में रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया गया या फिर इसके बाद फीस कम नहीं हुई तो फिर आंदोलन होगा क्योंकि पालक अपना हक मांग रहे हैं जो हर हाल में मिलना ही चाहिए।
गौरतलब है कि कोरोना लॉकडाउन के बाद से स्कूल बंद पड़े हैं लेकिन स्कूलों में फीस वसूली का सिलसिला जारी है। चमेलीदेवी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों और पालकों का कहना है कि ऑनलाइन क्लास से पढ़ाई करवाकर पूरी फीस ली जा रही है, जो पूरी तरह गलत है। 75 प्रतिशत फीस नहीं ली जाना चाहिए। स्कूल द्वारा पूरी फीस जमा करवाने के लिए लगातार दबाव बनाने के कारण यह आंदोलन शुरू हुआ और अब तक कई बार विवाद, धरना प्रदर्शन और नारेबाजी हो चुकी है।
चेयरमैन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से की बात
गौरतलब है कि फीस कम करने को लेकर पालक करीब सप्ताह भर से चेयरमैन से चर्चा करना चाह रहे थे, लेकिन वे इसके लिए तैयार नहीं थे। मंगलवार को पालक भवन के अंदर तक घुस गए थे और अंदर घुस गए और जबर्दस्त हंगामा हुआ। पुलिस, प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ और स्कूल प्रबंधन को कहा गया कि वे पालकों से चर्चा कर मामला सुलझाने की कोशिश करें। इसके बाद चेयरमैन अग्रवाल ने जागृत पालक संघ के सचिव सचिन माहेश्वरी के साथ तीन पालकों को अंदर बुलाया गया और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से चर्चा की।
पहले 22 हजार रु. भरवा रहे, बाद में करवा रहे रजिस्ट्रेशन
संघ के सचिव सचिन माहेश्वरी ने चेयरमैन से चर्चा करते हुए कहा कि 300 रुपए सीबीएसई रजिस्ट्रेशन फीस है लेकिन स्कूल में पहले 22 हजार रुपए फीस भरवाई जा रही है बाद में 300 रुपए। जबकि दबाव नहीं बनाने को लेकर कोर्ट और शासन के निर्देश हैं। उन्हें कोविड के कारण आए हुए सामाजिक व आर्थिक परिवर्तन से अवगत कराया गया। यह भी बताया गया कि स्कूल की रखरखाव सैलरी व अन्य खर्चों में अभूतपूर्व कटौती हुई है। इसका फायदा पालक को मिलना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं करते हुए स्कूल पूरी फीस वसूली जा रही है।
बोर्ड बैठक के बाद लेंगे निर्णय
पुरुषोत्तम अग्रवाल ने कहा कि हाल ही में 15 अक्टूबर को उनकी बोर्ड मीटिंग हुई है और तुरंत दोबारा होना संभव नहीं है। इसमें दो महीने का समय लगेगा। पालक गण और सभी संगठन कार्यकर्ता नाराज हो गए और मीटिंग छोड़ कर जाने लगे। तभी स्कूल की ओर से समझौते की पेशकश हुई और यह बोला गया कि दो महीने के समय तक किसी भी बच्चे को स्कूल की फीस भरने के लिए दबाव नहीं बनाया जाएगा। न ही किसी भी बच्चे को ऑनलाइन क्लास अथवा परीक्षा से फीस न भर पाने के कारण वंचित रखा जाएगा। खासतौर से कक्षा 9 से 12 तक के बच्चों के सीबीएसई रजिस्ट्रेशन नहीं रोके जाएंगे। यह आश्वासन स्कूल प्रशासन की ओर से रवींद्र शर्मा द्वारा चेयरमैन अग्रवाल से हुई बातचीत के आधार पर दिया गया। इस चर्चा में पालकों की ओर से विनोद श्रीवास्तव, राजेश सुंदरानी दीपक पोल आदि शामिल थे। प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारी भी शामिल थे।