Jai Hind News
Indore
मुख्यमंत्री के इंदौर दौरे के तुरंत बाद 24 सितंबर को निलंबित शहर के खाद्य सुरक्षा अधिकारी मनीष स्वामी को अगले ही दिन यानी 25 सितंबर को फिर बहाल कर दिया गया। निलंबन का कारण बताया गया कि मुख्यमंत्री के भोजन संबंधी प्रोटोकॉल में कमी रही और उन्हें ठंडी रोटियां परोसी गई। जबकि फिर बहाल करने के निर्णय के पीछे कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने भोपाल से निर्देश दिए कि ऐसा नहीं किया जाए। कुछ ही देर में सोशल मीडिया पर इसकी सूचना भी वायरल होने लगी और साथ ही कई ऐसे मैसेज भी वायरल होने लगे तो जिससे इस पूरे घटना क्रम पर सवाल खड़े हो गए । कुछ लोगों ने इसे वीआईपी कल्चर का परिणाम बताया तो कुछ ने राजनीतिक किरकिरी होने का अंदेशा। यही नहीं शाम होते-होते ऐसी पोस्ट भी वायरल होने लगी जिसमें इसे प्रशासनिक कार्रवाई नहीं ‘ खटपट ‘ करार दिया गया।
शुक्रवार की दोपहर सोशल मीडिया पर यह मैसेज वायरल हुआ कि निर्देशों के पालन के क्रम में कलेक्टर मनीष सिंह ने निलंबित किए गए खाद्य सुरक्षा अधिकारी स्वामी को बहाल कर दिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि उनके संज्ञान में आया कि उन्हें इंदौर प्रवास के दौरान उपलब्ध कराए गए खाने में रोटियाँ ठंडी होने के कारण संबंधित खाद्य सुरक्षा अधिकारी को पदीय कर्तव्य में लापरवाही मानते हुए निलंबित किया गया था। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि वे एक साधारण इंसान हैं। उन्हें सूखी रोटियां खाने में भी कोई गुरेज़ नहीं है ऐसे में केवल उनके खाने के कारण किसी अधिकारी पर कार्यवाही हो यह उन्हें उचित नहीं लगता। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि ज़िलों में भ्रमण के दौरान अगर उन्हें कोई तक़लीफ़ भी होती है तो वे इसे अपने दिल में नहीं लेते हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सभी अधिकारी कर्मचारियों से आम जनता के प्रति समर्पित भाव से काम करते हुए पूर्ण मनोयोग से शासकीय सेवा का आव्हान किया है।
इस तरह की पोस्ट वायरल होने के ठीक बाद आम लोगों में अलग-अलग पोस्ट वायरल करने का सिलसिला चल पड़ा। किसी ने इसे वीआईपी कल्चर बताया और कहा कि यह वीआईपी कल्चर है कि मुख्यमंत्री को ठंडा खाना परोसे जाने पर एक अधिकारी को निलंबित कर दिया गया जो सरासर गलत है। किसी ने कहा कि इंदौर में दिया हुआ भोजन अगर देवास में जाकर खोला जाएगा तो रोटियां ठंडी होगी ही। ऐसा कौन सा खाना है जो कभी ठंडा ही ना हो।
यही नहीं इंदौर की कुछ सोशल साइट्स और व्हाट्स व्हाट्सएप ग्रुप पर इस तरह के मैसेज भी चले कि जिला प्रशासन में अलग-अलग अधिकारियों के बीच खटपट चल रही है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी स्वामी को परेशान करने अथवा दंड देने की योजना पहले ही बन चुकी थी, लेकिन इसे मुख्यमंत्री के आने वाले दिन अमलीजामा पहनाया गया। इस तरह के अलग-अलग पोस्ट वायरल होने के बाद इस पूरी प्रक्रिया, अधिकारियों के रवैया, जिम्मेदारी निभाने की भावना आदि पर सवाल खड़े हो गए हैं। इस पूरे नाटकीय क्रम पीछे कारण जो भी हो लेकिन इतना साफ हो गया है अफसरशाही और राजनीति में सब कुछ संभव है।